कहते हैं कि डाक विभाग का नेटवर्क पूरे देश मैं फैला हुआ है और देश के आखरी छोर पर रहने वाले लोगों को भी डाक विभाग उनकी चिट्ठियों को समय पर पहुंचाता है. लेकिन गुजरात में एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे डाक विभाग को भारी शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है. जी हां, गुजरात के बनासकांठा में एक डाकिये ने लोगों के पास बीते तीन साल से डाक ही नहीं पहुंचाई है. शक के आधार पर जब लोगों ने डाकिये के घर पर हल्ला बोला, तब जाकर डाकिये की करतूत उजागर हुई. डाकिये के घर से डाक से भरे कई थेले और गट्ठर बरामद किये गए. आखिरकार मामला पुलिस थाने तक पहुंचा. कोई भी सरकारी कागज़ हो या फिर महत्वपूर्ण दस्तावेज, डाक विभाग देश के हर घर पर तय समय के भीतर उन्हें पहुंचाने का काम करता है. ऐसे में डाक विभाग की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. हालांकि बनासकांठा के इस डाकिये के किस्से ने लोगों के साथ-साथ डाक विभाग के भी होश उड़ा दिए. जानकारी के मुताबिक बनासकांठा के ओध्वा में लोगों को कई सालों से कोई डाक नहीं मिल रही थी. गांव वाले भी मामले को अनदेखा कर रहे थे, तभी गांव के एक शख्स ने अपने आधार कार्ड को ट्रेक किया तो उसे पता चला कि उसका आधार कार्ड गांव की पोस्ट ऑफिस तक पहुंच चुका है, लेकिन डाकिया ने ऐसी किसी डाक के न आने की बात कही और उसे वापस लौटा दिया. जब लोगों को थोड़ा शक हुआ तो गांववालों ने डाकिये के घर हल्ला बोल दिया. घर में जब जांच की तो डाक से भरे कई थैले बरामद किए गए. जिसमें कई कागजात तो तीन-तीन साल पुराने थे. थैले में कई लोगों के आधार कार्ड और पान कार्ड भी बरामद हुए. इसके गांववालों ने मामले की शिकायत पुलिस थाने में की, साथ ही डाक विभाग को भी डाकिये के करतूत से अवगत करवाया गया. मामले में पुलिस के साथ-साथ डाक विभाग भी जांच कर रहा है. इस मामले में डाक के अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है. अगर डाकिया दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा.
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